डॉक्टर संजय निषाद जी का जन्म 7 जून, 1965 को गोरखपुर में हुआ था।

उन्होंने इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सक के रूप में करीब एक दशक तक गीता वाटिका रोड, गोरखपुर में एक क्लिनिक के माध्यम से जनसेवा का कार्य किया। दो दशकों से राजनीति में सक्रिय डॉक्टर संजय निषाद जी ने निषाद पार्टी बनाने से पहले, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद का गठन किया था और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने निषादों की विभिन्न उप-जातियों को एकजुट करने का प्रयास किया।

निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन के मुख्य नेतृत्वकर्ता रहे डॉक्टर संजय निषाद जी ने कार्यकर्ताओं संग 7 जून 2015 को गोरखपुर से सटे सहजनवा क्षेत्र के कसरवल गांव के पास एक रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था। उनके साथ निषाद समुदाय के सैकड़ों लोग थे, जिनमें बड़ी संख्या में युवा थे। पूर्वांचल के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भी युवा बड़ी संख्या में आंदोलनस्थल पर मौजूद थे। शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का कुत्सित प्रयास तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया। निषाद समाज की आवाज दबाने के लिए डॉक्टर संजय निषाद को गिरफ्तार कर जेल तक भेज दिया गया।

उन्होंने इसके उपरांत निषाद पार्टी की स्थापना करने का निर्णय किया।

2021 में डॉक्टर संजय निषाद जी ने विधान परिषद के लिए चुनाव जीते और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। 2022 के यूपी चुनावों में एनडीए की जीत के बाद, वह आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने, और 25 मार्च 2022 को बतौर मत्स्य मंत्री शपथ ली।